भाषा का आदि इतिहास || भाषा उत्पत्ति एवं इसका आरंभिक स्वरूप
ब्रह्माण्ड में हमारे सौरमण्डल की उत्पत्ति एवं पृथ्वी के अस्तित्व में आने के पश्चात धीरे-धीरे जीवों का आविर्भाव हुआ। धरती पर जीवों की वंश-वृद्धि
Read moreब्रह्माण्ड में हमारे सौरमण्डल की उत्पत्ति एवं पृथ्वी के अस्तित्व में आने के पश्चात धीरे-धीरे जीवों का आविर्भाव हुआ। धरती पर जीवों की वंश-वृद्धि
Read moreसंस्कृत हिन्दी भाषा की जननी है अर्थात हिन्दी भाषा की उत्पत्ति संस्कृत से उत्पन्न हुई है। शब्द 'भाषा' संस्कृत के 'भाष' धातु से बना हुआ है।
Read moreमानव भाषा के विभिन्न रूपों - बोली, भाषा, विभाषा, उप-भाषा, मानक भाषा आदि के अलावा भाषा के अन्य रूपों का प्रयोग करता है।
Read moreमानक भाषा से आशय ऐसी भाषा से है जो सभी जगह मान्य हो। इसका प्रयोग करने पर विचारों या भावों को स्पष्टतया आसान ढंग से ग्रहण कर सके।
Read moreध्वनि भाषा का सर्व-प्रमुख एवं सशक्त माध्यम है। मौखिक भाषा ध्वनि के बगैर सम्भव नहीं है।
Read moreमानव मुख के अवयवों अर्थात मुखांगों का वर्णन किया गया है जो कि विभिन्न प्रकार की ध्वनियों के उच्चारण में सहायक होते हैं।
Read moreमानव की भाषायी ध्वनियों को लिखित रूप में व्यक्त करने के लिए जिन चिह्नों (प्रतीकों) का प्रयोग किया जाता है उन ध्वनि चिह्नों को 'वर्ण' कहते हैं।
Read moreविद्वानों के मतानुसार भारत में लेखन कला का विकास ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में हुआ। ध्वनि मूलक लिपि 'लिपि-विकास' की चरम परिणति मानी जा सकती है।
Read moreहिन्दी वर्णमाला के स्वरों का वर्गीकरण के छः आधारों - जिह्वा के व्यवहृत भाग, ओठों, कोमल तालु, स्वरतन्त्रिय, मात्रा काल के आधार पर किया गया है।
Read moreहिन्दी भाषा में व्यन्जनों का वर्गीकरण प्रयत्न, स्थान, स्वरतन्त्रिय, प्राणत्व के आधार पर किया जाता है।
Read moreहिन्दी के स्वर 'अ' से 'औ' तक की उच्चारण विशेषताएँ एवं मुख में उच्चारण स्थिति क्या है?
Read moreध्वनि की उत्पत्ति में मुख्यतः चार अवयव कार्य करते हैं - काकल, कण्ठ-बिल, मुख और नासिका।
Read moreपरम्परावादी संस्कृत विद्वान 'हिन्दु' शब्द का अर्थ इस शब्द को तोड़कर करते हैं। हिन्दु = हिन् + दु। यहाँ पर 'हिन्' का अर्थ है 'नष्ट करना' एवं 'दु' का अर्थ है।
Read moreव्यन्जन के साथ स्वर का मेल होने पर स्वर का जो रूप होता है, उसे मात्रा कहा जाता है। दूसरे शब्दों में स्वर के उच्चारण में लगने वाले समय को मात्रा कहते हैं।
Read moreव्यन्जन तथा व्यन्जन के मेल से जब संयुक्त ध्वनियाँ बनती हैं तो उसे व्यन्जन तथा व्यन्जन का संयोग कहा जाता है।
Read moreशब्दों या वाक्यों पर जोर (बल) देने की क्रिया को ही 'बलाघात' या 'स्वराघात' कहा जाता है।
Read moreवर्णों या ध्वनियों के उच्चारण में जो प्रयास या रीति का प्रयोग किया जाता है, उसे 'प्रयत्न' कहते हैं।
Read moreभाषा के बोलने, लिखने और पढ़ने में जिन नियमों-विनियमों का पालन किया जाता है, उन नियमों-विनियमों का अध्ययन ही व्याकरण है।
Read moreआदिकाल से ही व्याकरण का अस्तित्व रहा है। ऐसा किवदंती है कि वेदों की रचना के पश्चात समस्त देव-गणों की प्रार्थना पर इन्द्रदेव के द्वारा व्याकरण की रचना की गई थी, जिसका नाम 'शेष' था।
Read moreमानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ लिपियों का भी विकास हुआ। यहाँ विश्व की प्रारम्भिक लिपियों के साथ-साथ भारत की प्राचीन लिपियों का अध्ययन आवश्यक है।
Read moreहिन्दी भाषा के समृद्ध इतिहास को देखते हुए हिन्दी का सामान्य, व्यवहारिक, साहित्यिक, ऐतिहासिक एवं भाषा-शास्त्रीय अर्थ क्या है? पढ़िए।
Read moreहिन्दी भाषा एवं व्याकरण - भाषा से व्याकरण का क्या सम्बंध है इस लेख में पढ़े।
Read moreहिन्दी एवं संस्कृत भाषा में प्रयुक्त एक ऐसा चिन्ह जो वर्णमाला के व्यन्जन वर्णों के नीचे तिरछी रेखा (्) के रूप में लगाया जाता है उसे हलन्त कहते हैं।
Read moreभाषा की वह मौलिक अथवा लघुतम इकाई जो एक या एक से अधिक अक्षरों (वर्णों) के योग से निर्मित हो और उसके स्वतन्त्र रुप से या वाक्य में प्रयुक्त होने के पर एक निश्चित अर्थ प्रदान कर रहा हो शब्द कहलाता है।
Read moreभाषा शब्दों पर आधारित होती है। हिन्दी भाषा में शब्द अलग-अलग स्रोतों से आए हैं। इन्हीं स्रोतों या निर्माण के आधार पर शब्दों का वर्गीकरण किया गया है।
Read moreसंस्कृत में प्रयुक्त रूप के समान जब कोई शब्द अविकृत रूप (बिना बदलाव के) ज्यों का त्यों रूप हिन्दी में प्रयुक्त होता है तब वह 'तत्सम्' कहा जाता है।
Read moreसामान्यतः संस्कृत भाषा के ऐसे शब्द जिनमें मात्रा, वर्ण में आंशिक परिवर्तन होकर एक सरल रूप में हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं तो ऐसे शब्दों को तद्भव शब्द कहा जाता है।
Read moreदूसरे देशों के अर्थात दूसरे देशों की भाषाओं के ऐसे शब्द जो हिन्दी भाषा में समाहित हो गए हैं और इनका प्रयोग हिन्दी भाषी लोगों के द्वारा अपने दैनिक व्यवहार में प्रयोग किया जाता है, उन्हें विदेशी या विदेशज शब्द कहते हैं।
Read moreशब्दों की प्रकार के अंतर्गत अर्द्धतत्सम एवं देशज शब्द किसे कहते हैं इन्हे उदाहरण सहित बताया गया है।
Read moreकोई भी दो भिन्न भाषाओं (जैसे हिन्दी एवं अन्य कोई विदेशी भाषा) के मेल से मिलकर बने शब्दों को द्विज शब्द कहते हैं।
Read moreध्वनि के अनुकरण में बने होने के कारण इन्हें ध्वन्यात्मक और अनुकरणात्मक या अनुकरण वाचक शब्द कहते हैं।
Read moreरचना या बनावट की दृष्टि से शब्दों के प्रकार - रूढ़, यौगिक एवं योगरूढ़। यौगिक एवं योगरूढ़ शब्दों में क्या अन्तर है?
Read moreप्रयोग के आधार पर शब्दों को तीन वर्गों में बँट जाते हैं। 1. पारिभाषिक शब्द 2. अर्द्धपारिभाषिक शब्द 3. सामान्य शब्द।
Read moreशब्द-शक्ति के आधार पर शब्दों के प्रकार - वाचक (वाच्यार्थक / अभिधार्थ), लाक्षणिक (लक्षक / लक्ष्यार्थ), व्यन्जक (व्यंग्यार्थ)।
Read moreनाम से स्पष्ट है - एक अर्थ वाला। यदि हम शब्द एकार्थी का विच्छेद करें तो एक+अर्थी अर्थात एक अर्थ प्रदान करने वाला होगा।
Read moreऐसे शब्द जिनके एक से अधिक अर्थ हों तथा वे अलग-अलग भावों या अर्थों के प्रदर्शन हेतु वाक्यों में प्रयुक्त होते हों, उन्हें 'अनेकार्थी' शब्द कहते हैं।
Read moreएक ही अर्थ को प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होने वाले अलग अलग शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहा जाता है। पर्यायवाची शब्दों की दो कोटियाँ हो सकती हैं।
Read moreसमोच्चरित या श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द उन शब्दों को कहते हैं, जिनका उच्चारण सामान्यतः सुनने में एक समान प्रतीत होता है किन्तु उनके अर्थ में प्रायः भिन्नता पाई जाती है।
Read moreपुनरुक्त का अर्थ है - एक बार फिर कहे हुए। अर्थात एक बार पुनः दोहराव हुआ हो। पुनरुक्त शब्दों के कई वर्ग हैं।
Read moreकक्षा- 9 हिन्दी विशिष्ट के पाठ - 1 'साखियाँ' और 'सबद' (काव्य-खण्ड) के पदों के अर्थ एवं प्रश्नों के सटीक उत्तर।
Read moreकक्षा 9 की हिन्दी विशिष्ट के पाठ - 2 'वाख' (काव्य खण्ड) के पदों के भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर का सटीक विवरण।
Read moreकक्षा 9 विषय हिन्दी विशिष्ट की पाठ 3 'सवैये' रचनाकार रसखान की पदों के अर्थ एवं अभ्यास।
Read moreकक्षा 9 हिन्दी पद्य खण्ड के पाठ - 4 'कैदी और कोकिला' का सारांश, भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर।
Read moreकक्षा - 9 की विषय - हिन्दी विशिष्ट के काव्य-खण्ड से पाठ - 'ग्राम श्री' का सारांश, भावार्थ एवं महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर।
Read moreकवि- केदारनाथ अग्रवाल द्वारा रचित कविता 'चंद्र गहना से लौटती बेर' का भावार्थ, प्रश्नोत्तर एवं रचना अभिव्यक्ति के बारे में जानकारी दी गई है।
Read moreकक्षा 9वी हिन्दी विशिष्ट के पाठ 3 'उपभोक्तावाद की संस्कृति' का सारांश प्रश्नोत्तर समझाएं गए हैं।
Read moreअर्थ के दृष्टिकोण से समानता रखने वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहा जाता है। पर्यायवाची शब्द एक ही अर्थ के द्योतक होते हैं। समान अर्थ वाले शब्दों से आशय बदले में आने वाले शब्द अर्थात पर्याय है।
Read moreपाठ- 4 'साँवले सपनों की याद'― मौत के पंखों पर सवार साँवले सपनों के हुजूम के आगे सालिम है। अब ये जिंदगी से पलायन कर अपनी अंतिम यात्रा पर निकल पड़े हैं। अब उन्हें जगाना सम्भव नहीं है। आदमी की भूल को दूर करने के लिए उन्होंने कहा था कि पक्षियों को आदमी की नजर से देखना उचित नहीं है।
Read moreनाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया — चपला देवी- यह रचना 'हिन्दू पंच' पत्रिका के बलिदान अंक से संकलित की गई है। सन् 1857 के विद्रोह में धन्धूपंत नाना साहब कानपुर में असफल होकर भागे तो अपनी पुत्री देवी मैना को बिदूर महल में अकेला छोड़कर चले गए।
Read moreकक्षा- 9 विषय- हिन्दी गद्य-खण्ड के पाठ पाठ 6 'प्रेंमचंद के फटे जूते' का सारांश एवं सम्पूर्ण अभ्यास प्रश्नोत्तर दिये गये हैं।
Read moreकक्षा - 9 विषय - हिन्दी गद्य खण्ड से पाठ - 7 'मेरे बचपन के दिन' (लेखिका महादेवी वर्मा) का सारांश एवं सम्पूर्ण अभ्यास यहाँ दिया गया है।
Read moreविलोम शब्दों की रचना कैसे होती है? विलोम बनाने के नियम कौनसे हैं ? विलोम शब्दों के अन्य नाम― विरुद्धार्थी, विपर्याय, विपरीतार्थक, विपरीतार्थी, उल्टे अर्थ वाले शब्द हैं।
Read moreकक्षा 9 हिंदी क्षितिज के पाठ 15 'मेघ आए' कविता सर्वेश्वर दयाल सक्सेना द्वारा लिखित है जिसका सारांश और संपूर्ण अभ्यास यहाँ दिया गया है।
Read moreकक्षा- 9 विषय - हिन्दी काव्य-खण्ड के पाठ - 16 'यमराज की दिशा' का सारांश, भावार्थ एवं प्रश्नोत्तर यहाँ दिये गए हैं।
Read moreकक्षा- 9 विषय - हिन्दी काव्य-खण्ड के पाठ 17 'बच्चे काम पर जा रहे हैं' का सारांश, भावार्थ एवं सम्पूर्ण प्रश्नोत्तर यहाँ दिये गए हैं।
Read moreसमानार्थी या समानार्थक शब्द किसे कहते हैं? समानार्थी शब्दों की विशेषताएँ, परिभाषा एवं शब्द सूची । समानार्थी और पर्यायवाची में क्या अंतर है?
Read moreकक्षा दसवीं विषय हिंदी (क्षितिज- काव्य खंड) के पाठ 1 'पद' जिसकी कवि सूरदास है के पदों के अर्थ एवं संपूर्ण अभ्यास यहां पढे़।
Read moreकक्षा 10 की हिन्दी सहायक वाचन - कृतिका पाठ 1 'माता का अँचल' जिसके रचनाकार शिवपूजन सहाय हैं के पाठ का सारांश एवं प्रश्नोत्तर (सम्पूर्ण अभ्यास) यहाँ दिये गए हैं।
Read moreसमानार्थी या पर्यायवाची शब्दों में उनके अर्थ की दृष्टि से कई बार सूक्ष्म अंतर देखने को मिलते हैं। इसी सूक्ष्म अंतर को विभिन्न अवधारणा के माध्यम से यहाँ देखें।
Read moreइस लेख में हिन्दी वर्णों/अक्षरों के भाग― शिरोरेखा, अर्द्ध पाई, मध्य पाई, अंत पाई, वक्र, मध्यम् रेखा, हलन्त, बिन्दु, मात्रा चिह्न के बारे में जानकारी दी गई है।
Read moreइस लेख में पाठ - 7 'नेताजी का चश्मा' (क्षितिज - 2 गद्य खण्ड) पाठ व सारांश कक्षा - 10 अभ्यास प्रश्नोत्तर रचना अभिव्यक्ति एवं व्याकरण की जानकारी दी गई है।
Read moreइस लेख में पाठ 8 बालगोबिन भगत कक्षा- 10 विषय- हिंदी (क्षितिज भाग 2 गद्य खंड) पाठ का सारांश, प्रमुख गद्यांश, प्रश्नोत्तर के साथ-साथ रचना अभिव्यक्ति के बारे में जानकारी दी गई है।
Read moreइस लेख में अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (समग्र शब्द) क्या होते हैं? उपयोगिता, आवश्यकता एवं महत्व एवं समग्र शब्दों की सूची दी गई है।
Read moreइस लेख में समूहवाची (समूह बताने वाले) शब्द क्या होते हैं?, समूहवाची शब्दों की आवश्यकता एवं महत्व के बारे में जानकारी दी गई है।
Read moreइस लेख में संख्यावाचक शब्द क्या होते हैं? इनका भाषा पर प्रभाव तथा संख्यावाची शब्दों की सूची की जानकारी दी गई है।
Read moreइस भाग में हिन्दी कक्षा 10 के पाठ 9 लखनवी अंदाज पाठ के गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या एवं सम्पूर्ण अभ्यास प्रश्नोत्तर की जानकारी दी गई है।
Read moreइस लेख में हिंदी भाषा में बिंदी/बिन्दु का प्रयोग किन-किन स्थानों पर किया जाता है और इन्हें किन नाम से जाना जाता है इस संबंध में महत्व जानकारी प्रदान की गई है।
Read moreइस लेख में सम्मानसूचक या आदरसूचक शब्द – ईश्वर, देवी-देवता, स्त्री-पुरूष, लड़का-लड़की एवं विधवा-तलाकशुदा के लिए कहाँ एवं कैसे इनका प्रयोग होना चाहिए इस बारे में जानकारी दी गई है।
Read moreइस लेख में हिंदी भाषा शब्द ज्ञान के अंतर्गत विशेषार्थक शब्द क्या होते हैं उदाहरण सहित जानकारी प्रदान की गई है।
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